लोगो के लिए खुली प्रतियोगिता के तहत देश भर से 2,236 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी
स्लोगन का चयन लोकपाल की बेंच ने किया, इसे ईशावास्य उपनिषद से लिया गया
नई दिल्ली. लोकपाल के नया लोगों और स्लोगन का चयन कर लिया गया है। इसके लिए खुली प्रतियोगिता के तहत लोगों ने सुझाव भेजे थे। विभिन्न उम्र वर्ग के कुल 6000 लोगों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी थी। कार्मिक मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। लोगो के लिए 2,236 और स्लोगन के लिए 4,705 सुझाव प्राप्त हुए। देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। ईलाहाबाद के प्रशांत मिश्रा द्वारा भेजे गए लोगो को लोकपाल के प्रतिक चिन्ह के तौर पर चुना गया।
मंत्रालय के मुताबिक, प्रतिभागियों के स्लोगन में से कोई भी उपयुक्त नहीं पाया गया। इसके बाद लोकपाल ने खुद ही अपने स्लोगन का चयन किया। 17 अक्टूबर को लोकपाल ने अपनी पूरी बेंच की बैठक में ईशावास्य उपनिषद से अपना स्लोगन लिया। संस्कृत भाषा के इस वाक्य का अर्थ है, दूसरों के धन के प्रति लालची नहीं होना चाहिए।
लोकपाल के अर्थ को ध्यान में रखते हुए तैयार हुआ डिजाइन
प्रतीक मिश्रा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 'लोक' का अर्थ लोग और 'पाल' का अर्थ ध्यान रखने वाला होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने लोगो किया। इसमें जजों की बेंच, तीन मानव आकृति, अशोक चक्र कानून की किताब और न्यायपालिका को दर्शाया गया है। न्यायपालिक को संतुलन बनाते तीन रंग वाले हाथों के रूप में दिखाया गया है। अशोक चक्र को आंख की पुतलियों की तरह आकार दिया गया है।